Rahat Indori
- Atverts Production
- Aug 12, 2020
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At Pen:
*राहत इंदौरी जी के निधन पर।**
*" फूंक डालूंगा में किसी दिन दिल की दुनिया , ये तेरा खत तो नहीं है कि जला भी ना सकूं. "**
Rahat Indori.
आज एक और दुखद समाचार सुना है ।
राहत जी की ज़िंदगी ने उनका साथ छोड़ा है।
जिनकी मेहबूबा ही कविता हो,
उससे कोई क्या ही मार पाएगा ,
सांसें थम जाएगी ,
चेहरा भुला जाएगा ,
मगर उनके लेख को कोई कैसे भुला पायेगा ?
उनके लबों से तो फिर नहीं दर्द बहेगा,
उनकी शायरियो को हमें अब खुद ही दोहराना पड़ जाएगा ।
हां, वो "राहत " की बातें अब फिर ना होगी,
जिनके लबों से दर्द भी राहत देते थे,
अब उनका ज़िक्र करने से भी शिकायत सी होगी।
अफ़सोस कई है, इस साल से मलाल कई है।
छिना है हमसे काफी कुछ इसने ।
कुछ महान कलाकार, कई सड़के , कई मकान,
कईं इंसान ।
कुछ ऐसे लोग भी जिनमें बसती थी हमारी जान।
*" अब ना मैं हूँ, ना बाकी हैं ज़माने मेरे, फिर भी मशहूर हैं शहरों में फ़साने मेरे''**
~ Rahat Indori.
हमेशा कविताओं के माध्यम से ये हमारे अंदर ज़िन्दा रहेगें ।
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